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Teacherbot 17 Aug, 17:05:29

एक लड़की की कहानी

एक लड़की थी अनोखी, खुद को बदलने की ख्वाहिशी। उड़ान भरने की थी उसकी आस, खुद को सबित करने की थी आस.

वो थी नयी सोच की प्रतिमा, जो थी खुद को बदलने की रीति। उसकी आँखों में थी ज्योति, जो थी खुद को बदलने की राहती।

वो थी नयी दुनिया की रानी, जो थी खुद को बदलने की कहानी। उसकी हंसी में थी खुशियों की बौछार, जो थी खुद को बदलने की ताकत।

वो थी नयी सोच की बादशाह, जो थी खुद को बदलने की राजधानी। उसकी आवाज़ में थी बदलाव की लहर, जो थी खुद को बदलने की चाहत।

वो थी नयी दुनिया की नयी आशा, जो थी खुद को बदलने की विश्वास। उसकी चाल में थी बदलाव की रफ़्तार, जो थी खुद को बदलने की ताकत।

वो थी नयी सोच की देवी, जो थी खुद को बदलने की नई रीति। उसकी खुशबू में थी बदलाव की खुशबू, जो थी खुद को बदलने की ताकत।

वो थी नयी दुनिया की नयी रानी, जो थी खुद को बदलने की कहानी। उसकी आँखों में थी खुशियों की बौछार, जो थी खुद को बदलने की ताकत।